जीवन का सत्य

जीवन सत्यार्थ

  • दैनिक सुविचार
  • जीवन सत्यार्थ
  • Youtube
  • संपर्क करें

नीति

May 12, 2019 By प्रस्तुत करता - पवन कुमार Leave a Comment

    जब किसी भी कार्य का उत्तम परिणाम प्राप्त करने के लिए योजना बद्ध तरीके से कार्य किया जाता है | वह योजना पद्धति नीति कहलाती है | नीति इन्सान के जीवन का सबसे अनिवार्य विषय हैं क्योंकि कार्य में परिश्रम से नीति अधिक महत्वपूर्ण होती है | नीति उत्तम हो तो कम परिश्रम से भी उत्तम परिणाम आते हैं यदि नीति कमजोर हो अथवा ना हो तो अधिक परिश्रम करने पर भी परिणाम ओछे रह जाते हैं | जैसे देश में प्रशासन चलाने के लिए राजनीती एवं विदेशों से सम्बन्ध बनाने के लिए कूटनीति का उपयोग होता है | यदि राजनीती या कूटनीति कमजोर हो तो देश की समृद्धि एवं प्रतिष्ठा समाप्त हो जाती है उसी प्रकार इन्सान के जीवन में किसी भी कार्य में नीति कमजोर होती है तो वह सदैव असफल होता है | एक सफल जीवन के लिए इन्सान को नीतिवान होना आवश्यक है|

    इन्सान को जीवन में प्रत्येक कार्य में नीति अपनाने की आवश्यकता होती है | शिक्षा, कर्म, विवाह, सम्बन्ध, परवरिश, समाज, परिवार सभी जगह नीति आवश्यक होती है | शिक्षा में शीर्ष पर रहने वाले विद्यार्थी कर्म क्षेत्र में जब अपने से कम अंक प्राप्त करने वालों को उन्नति प्राप्त करते हुए देखते हैं तो उन्हें लगता है यह किस्मत, सिफारिश या चापलूसी द्वारा सफल हो रहे हैं | सबसे अधिक अंक प्राप्त करने पर कर्म क्षेत्र में पिछड़ना वास्तव में उनकी कमजोर शिक्षा नीति होती है | जो विद्यार्थी पुस्तकों को इतना अधिक रटते हैं कि जैसा पुस्तक में लिखा होता है बिलकुल वैसा ही परीक्षा में लिखकर शत -प्रतिशत अंक अवश्य प्रप्त कर लेते हैं | परन्तु शिक्षा का वास्तविक अर्थ ना समझने के कारण कर्म क्षेत्र में उपयोग करने पर असफल होते हैं | शिक्षा नीति के अनुसार विषय का अर्थ समझना तथा उसके मर्म एवं गहराई को समझने से विद्यार्थी विद्वान् बनता है जो कम अंक प्राप्त करने पर भी किसी भी कर्म क्षेत्र में कभी विफल नहीं होता |

    इन्सान जब कर्म करना आरम्भ करता है वह नौकरी, व्यापार, कृषि, उद्योग, कला, खेल, शिक्षक या अन्य किसी भी प्रकार का कार्य करे उसके लिए एक अच्छी नीति अपनाना आवश्यक है | कर्म क्षेत्र की सबसे पहली नीति है ईमानदारी जो इन्सान अपना कार्य ईमानदारी से करता है तथा वह कार्य के प्रति पूर्ण निष्ठावान एवं समर्पित होता है उसकी सफलता को कोई भी शक्ति रोक नहीं सकती | कर्म क्षेत्र की दूसरी नीति इन्सान का व्यवहार होता है जो दूसरे इंसानों को प्रभावित करके अपना कार्य सम्पन्न करने में सफलता प्रदान करता है | समय का सम्मान करना अर्थात सदैव समय पर कार्य करना इन्सान की सफल नीति होती है | इन्सान की वाणी, आचरण, भाषा, शब्द, परिश्रम सभी नीति अनुसार उपयोग करने पर वह सदैव सफलता की सीढियाँ चढ़ता है |

    वैवाहिक जीवन अपनाते समय अधिकतर स्त्री की सुन्दरता एवं शिक्षा तथा पुरुष की आमदनी एवं शिक्षा देखी जाती है जिसके कारण विवाह के कुछ समय के पश्चात ही घरेलू झगड़े आरम्भ हो जाते हैं | सफल गृहस्थ जीवन के लिए वैवाहिक नीति के तहत स्त्री पुरुष का व्यवहार, आचरण, कर्म, प्रतिष्ठा, मानसिकता, सभी में समानता होना आवश्यक है | सभी प्रकार के सम्बन्ध सुरक्षित रखने के लिए इन्सान को उनमें गर्मजोशी बनाए रखना तथा किसी प्रकार की आलोचनाओं, बहस, तानाकशी, भेदभाव से बचना आवश्यक होता है | आवश्यकता से अधिक हास्य भी सम्बन्धों को क्षीण करता है सम्बन्ध नीति के अनुसार इन्सान को अपनी मर्यादा का सदैव पालन करना अनिवार्य होता है |

    सन्तान की अच्छी परवरिश करने पर भी जब सन्तान आवारा अथवा नाकारा बन जाए तो दोष किस्मत को दिया जाता है | सन्तान के आवारा या नाकारा होने का कारण परवरिश में गलत नीति अपनाना होता है | सन्तान को आवश्यकता से अधिक सुविधाएं प्रदान करना उन्हें आलसी एवं नाकारा बनाना है | सन्तान को अधिक धन प्रदान करने का अर्थ है उन्हें आवारा बनाना | जब तक सन्तान समझदार ना हो उन पर दृष्टि बनाए रखना तथा उनका मार्गदर्शन करना बहुत आवश्यक होता है | परवरिश की सबसे अधिक गलत नीति है जब माँ बाप सन्तान को समय ना देकर सुविधाओं द्वारा अपना पीछा छुड़ाने का प्रयास करते हैं तो सन्तान का मार्गदर्शन सोहबत करती है जो उन्हें किसी भी अनुचित मार्ग पर पहुंचा देती है |

    समाज हो या परिवार दूसरों के कार्यों में दखल देना, मर्यादाओं का पालन ना करना, बिना मांगें सलाह देना, दूसरों का समय बर्बाद करना ऐसी गलत नीतियाँ हैं जो इन्सान के जीवन में तकरार एवं कलह का मुख्य कारण बन जाती हैं | विश्वास सदैव मर्यादा में ही करना उत्तम होता है क्योंकि मर्यादा भंग होते ही विश्वासघात का आरम्भ हो जाता है | इन्सान जितना अधिक स्पष्ट जीवन व्यतीत करता है वह उतना ही अधिक सुखी भी रहता है यह जीवन की सबसे उत्तम नीति है | जीवन में कोई भी कार्य जब नीति अनुसार किया जाता है तो जीवन सरल हो जाता है बिना नीति या कमजोर नीति द्वारा किया गया कार्य सदैव इन्सान के लिए समस्या का कारण बनता है |

Share this:

  • Click to share on WhatsApp (Opens in new window)
  • Click to share on Twitter (Opens in new window)
  • Click to share on Facebook (Opens in new window)
  • Click to share on LinkedIn (Opens in new window)
  • Click to share on Pinterest (Opens in new window)
  • Click to share on Tumblr (Opens in new window)
  • Click to share on Reddit (Opens in new window)
  • Click to share on Telegram (Opens in new window)
  • Click to share on Skype (Opens in new window)
  • Click to share on Pocket (Opens in new window)
  • Click to email this to a friend (Opens in new window)
  • Click to print (Opens in new window)

Related

Filed Under: नीति निवारण Tagged With: नीति, ethics, morality, neeti, planning, policy

Leave a Reply Cancel reply

Recent Posts

  • स्वार्थ पर सुविचार
  • परिवर्तन पर सुविचार
  • संस्कार पर सुविचार
  • मुफ्तखोरी पर सुविचार
  • गृहस्थ जीवन पर सुविचार

जीवन सत्यार्थ

इंसान के जीवन में जन्म से मृत्यु तक के सफर में तृष्णा, कामना तथा बाधाएं उत्पन्न होकर मानसिकता में असंतोष तथा भटकाव की स्थिति उत्पन्न कर देते हैं जिससे जीवन कष्टदायक व असंतुलित निर्वाह होता है। जीवन सत्यार्थ ऐसा प्रयास है जिसके द्वारा सत्य की परख करके कष्टकारी मानसिकता से मुक्ति पाकर जीवन संतुलित बनाया जा सकता है। पढने के साथ समझना भी आवश्यक है क्योंकि पढने में कुछ समय लगता है मगर समझने में सम्पूर्ण जीवन भी कम हो सकता है और समझने से सफलता प्राप्त होती है।

प्रस्तुत कर्ता - पवन कुमार

Copyright © 2021 jeevankasatya.com

loading Cancel
Post was not sent - check your email addresses!
Email check failed, please try again
Sorry, your blog cannot share posts by email.