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इच्छा शक्ति

July 26, 2014 By Amit 1 Comment

ichha shakti

इन्सान की मानसिक शक्तियों द्वारा किसी कार्य की रुपरेखा तैयार करके उसे सजीव करने का प्रयास इन्सान की इच्छा कहलाती है एंव इच्छित कार्यों को अंजाम तक पहुँचाने के लिए इन्सान का मानसिक तन्त्र सक्रिय होकर किर्याशील होता है तथा वह कार्य पूर्ण करवाता है वह इन्सान की इच्छा शक्ति कहलाती है । इन्सान की इच्छा शक्ति उसकी भावनाओं की तरह ही कार्य करती है परन्तु दोनों में गहरा अंतर है क्योंकि भावनाएं चाहे अपने लिए हों या किसी ओर के लिए वह भविष्य के सपने संजोने का कार्य करती हैं परन्तु इच्छा वर्तमान समय में प्रगति के कार्यों को अंजाम देती है । इच्छा शक्ति इन्सान की वो अद्भुत मानसिक शक्ति है जो इन्सान को फर्श से अर्श तक पहुंचा सकती है । इच्छा शक्ति के बल पर इन्सान ने ऐसे आश्चर्यजनक कार्यों को अंजाम दिया है जिन्हें संसार में नामुमकिन माना जाता था ।

कमजोर इच्छा शक्ति से इन्सान कुछ आसान उपलब्धियां अवश्य कर लेता है परन्तु मुश्किल एंव अधिक उपलब्धियों के लिए उसमे दृढ इच्छा शक्ति का होना आवश्यक होता है । इन्सान की शारीरिक शक्ति एंव उसकी प्रतिभाएँ भी उसकी इच्छा शक्ति के अनुसार कार्य करती हैं क्योंकि कमजोर इच्छाएँ इन्सान में आलस्य उत्पन्न करती हैं तथा अधिक विश्राम करने की आदत उसमे थकावट उत्पन्न करती है जिससे इन्सान आलसी होकर अपने कार्यों को दूसरों से करवाने अथवा विश्राम के पश्चात करने की सोचता है । कमजोर इच्छा शक्ति और आलसीपन से उसके कार्य सम्पन्न होने में बाधा उत्पन्न होती है जिसके कारण वह जीवन में कामयाबी प्राप्त नहीं कर पाता और पिछड़ कर रह जाता है । ऐसे इंसानों को परिवार और मित्र एंव समाज सभी नीच दृष्टि से देखते हैं तथा समय समय पर उसका अपमान करते रहते हैं । कमजोर इच्छा शक्ति के कारण इन्सान अभावपूर्ण जीवन व्यतीत करता है उसका सारा समय असमंजस में व्यतीत होता है क्योंकि इच्छा शक्ति इन्सान में निर्णय लेने की क्षमता को प्रभावित करती हैं ।

इन्सान की शारीरिक शक्ति और कार्य क्षमता उसकी मानसिकता पर आधारित होती है जैसे दैनिक कार्य से थके हुए इन्सान को किसी प्रकार का शुभ समाचार प्राप्त होने पर वह पलभर में अपने शरीर में स्फूर्ति महसूस करने लगता है तथा वह अग्रिम कार्य के लिए पुन: तैयार हो जाता है । दृढ इच्छा शक्ति होने से साधारण शरीर का इन्सान भी किसी कठोर से कठोर कार्य को सरलता पूर्वक कर सकता है जैसे बगैर पोष्टिकता का साधारण भोजन खाकर भी मजदूर अपने परिश्रम द्वारा किसी भी प्रकार के कार्य को करने का साहस रखता है क्योंकि अपने परिवार की आजीविका चलाने व उन्हें सुख प्रदान करने की इच्छा शक्ति उसे दृढ़ता प्रदान करती है । अभाव पूर्ण जीवन मजदूर को सुख प्राप्ति के लिए उसकी इच्छा शक्ति में वृद्धि करता है तथा उसे दृढ़ता प्रदान करता है ।

willpower

दृढ इच्छा शक्ति के बल पर कुछ इंसानों ने ऐसे अद्भुत कार्यों को अंजाम दिया है जिनसे संसार आश्चर्य चकित होता रहा है । नेपोलियन बोनापार्ट नामक इन्सान जो साधारण परिवार से सम्बन्धित था और अपने छोटे कद होने के उपरांत भी देश की सेना में साधारण सैनिक के तोर पर भर्ती होकर अपनी कोशिशों से उच्च पदों पर आसीन होने में सफल रहा एंव दृढ इच्छा शक्ति के बल पर सम्पूर्ण देश पर अधिकार करके वहाँ का राजा बन बैठा । उस अनोखे इन्सान ने संसार को संदेश दिया कि कोई भी कार्य नामुमकिन नहीं होता सिर्फ इन्सान की इच्छाएँ दृढ होनी चाहिएं । भारत को आजाद कराने में शामिल चंद क्रांतिकारियों और महात्मा गाँधी ने अंग्रेजों को भारत से खदेड़ कर यह प्रमाणित किया कि दृढ इच्छा शक्ति किसी भी नामुमकिन कार्य को मुमकिन कर सकती है ।

इन्सान के मन में इच्छाएँ उत्पन्न होना एक स्वाभाविक किर्या है परन्तु उन इच्छाओं को साकार करना यह इन्सान की मानसिकता पर आधारित है । संसार में उपलब्ध वस्तुओं के सभी आविष्कार इन्सान की कल्पनाओं और भावनाओं का परिणाम हैं परन्तु उनको सफल करने का श्रेय इच्छा शक्ति को ही जाता है क्योंकि कल्पना करना तथा बुद्धि एवं विवेक द्वारा मंथन करके इच्छाएँ उत्पन्न करना सरल कार्य है परन्तु शारीरिक परिश्रम द्वारा उन्हें साकार करने के लिए दृढ़ इच्छा शक्ति का होना आवश्यक है । जिन महान इंसानों ने इस संसार के निर्माण में अपना सहयोग दिया तथा जिन्होंने इंसानियत की सेवा में अपना जीवन न्यौछावर कर दिया वे सभी दृढ़ इच्छा शक्ति के मालिक थे ।

संसार के मार्गदर्शक एंव महान दार्शनिकों ने अपना जीवन इंसानियत को समर्पित किया जो उनकी इच्छा शक्ति की दृढ़ता का प्रमाण है । कमजोर इच्छा शक्ति का इन्सान स्वयं अपनी नजरों में सम्मान का पात्र नहीं रहता इसलिए खुद को सम्मानित करने के लिए इच्छा शक्ति को दृढ बना कर जीवन में सफलता प्राप्त की जा सकती है । इच्छा शक्ति इन्सान की कर्मठता एंव परिश्रमी होने का प्रतीक है जिसके कारण ही जीवन में असाधारण सफलता प्राप्त हो सकती है । दृढ़ इच्छा शक्ति का इन्सान ही किसी प्रकार का सफल निर्णय लेने में सक्षम होता है इसीलिए वह जीवन में सफलता प्राप्त करता है क्योंकि कमजोर इच्छा शक्ति के कारण निर्णय लेने में असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो जाती है जिसके कारण प्रत्येक निर्णय असफल होता है ।

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इंसान के जीवन में जन्म से मृत्यु तक के सफर में तृष्णा, कामना तथा बाधाएं उत्पन्न होकर मानसिकता में असंतोष तथा भटकाव की स्थिति उत्पन्न कर देते हैं जिससे जीवन कष्टदायक व असंतुलित निर्वाह होता है। जीवन सत्यार्थ ऐसा प्रयास है जिसके द्वारा सत्य की परख करके कष्टकारी मानसिकता से मुक्ति पाकर जीवन संतुलित बनाया जा सकता है। पढने के साथ समझना भी आवश्यक है क्योंकि पढने में कुछ समय लगता है मगर समझने में सम्पूर्ण जीवन भी कम हो सकता है और समझने से सफलता प्राप्त होती है।

प्रस्तुत कर्ता - पवन कुमार

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