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तांत्रिक

July 5, 2014 By Amit Leave a Comment

tantrik

अपने कार्यों की असफलता एंव किसी विशेष समस्या से पीड़ित इन्सान जब ईश्वर एवं उसके प्रतिनिधियों व साधू संतों के कार्यों तथा आशीर्वादों से संतुष्ट नहीं हो पाता तो वह तांत्रिकों की शरण में पहुंचता है । हाथों में अजीब प्रकार की अनेक अंगूठियाँ व हाथ में लपेटी हुई कोई माला तथा गले में रुद्राक्ष व अनेक प्रकार की मालाएं एवं काले धागे में बंधे ताबीजों से शोभित इन्सान पहली दृष्टि में ही तांत्रिक के रूप में पहचाने जाते हैं । एक या अनेक नशा करने के कारण उनकी आखों में लालिमा छाई रहती है तथा ये सभी अल्प शिक्षित या अनपढ़ होते हैं जो पहले किसी अन्य तांत्रिक की शागिर्दी करते हुए उनकी कारगुजारियों को सीख कर पीड़ितों पर आजमाते हैं ।

आने वाले इन्सान को कुछ ऐसी बातें बताकर या कोई ऐसा कार्य दिखाकर आकर्षित करना इनका व्यवसाय है जिसके कारण आने वाले इन्हें चमत्कारी समझकर इनके जाल में फंस जाते हैं । इस कार्यवाही के लिए इनका जाल बहुत सुदृढ़ होता है जो किसी को भी मूर्ख बनाने के लिए काफी सशक्त होता है तथा भूत प्रेतों पर अधिकार करके उनसे कार्य करवाने वाली झूटी मन घडन्त कहानियाँ सुनकर आने वाला इन्सान सहमा हुआ एंव अंदर ही अंदर मन में भयभीत होते हुए चुपचाप उनकी कार्य शैली को ताकता रहता है । तांत्रिक जिस प्रकार भी मूर्ख बनाए उस पर टिप्पणी करने का साहस पीड़ित में कदापि नहीं होता ।

ईश्वरीय प्रतिनिधि व साधू संत साधारण मनुष्य को शास्त्रों की तथा धर्म की व्याख्या द्वारा फंसाते हैं इसके विपरीत तांत्रिक कुछ पदार्थों और रसायनों को अपनी धूनी में जला कर एवं ना समझ आने वाले वाक्यों के मंत्रों से हवन करके फंसाते हैं । पदार्थों तथा रसायनों के जलने की महक एवं वहां पर रखी हुई हड्डी या खोपड़ी व जानवरों के नाख़ून और खाल उसपर तांत्रिक की भयंकर आवाज वातावरण को रहस्यमय तथा डरावना बना देती है जिसका सीधा प्रभाव पीड़ित को कुंठित करने के लिए पूर्ण होता है । तांत्रिकों के पास आने वालों की समस्याएँ भी अजीब प्रकार की व मूर्खता पूर्ण होती हैं । जैसे किसी भूत प्रेत द्वारा सताए जाना, किसी जादू टोने की आशंका, किसी को टोने टोटके द्वारा नुकसान पहुंचाना, स्वप्न में भूतों से डरना, संतान प्राप्ति में बाधा, पुत्र रत्न की प्राप्ति, किसी मुकदमे से छुटकारा, किसी को मुकदमे में फंसाना, गवाहों को वश में करना, विवाह ना होने की समस्या, किसी अपने या पराए इन्सान के मस्तिक पर अधिकार प्राप्त करना वगैरह जैसी अद्भुत समस्याओं का निवारण इन तांत्रिकों के पास तलाशा जाता है ।

यथा राजा तथा प्रजा अर्थात जैसी समस्याएँ वैसा ही निवारण इन तांत्रिकों द्वारा होता है । किसी कागज के टुकड़े पर कुछ शब्द लिख कर उसका ताबीज बना कर धारण करने या उसे पानी में घोलकर पीने के लिए दिया जाता है, धूनी की राख को कागज में लपेट कर उसका ताबीज धारण करने या उस राख को शरीर पर लगाने अथवा चाटने को दी जाती है, किसी को लड्डू व कुछ पूजा की वस्तुओं तथा पैसों को चौराहे पर रखकर पूजने को कहा जाता है, किसी को श्मशान में चिताओं पर किसी वस्तु को चढ़ाने या दीपक जलाने जैसे उपाय बताए जाते हैं । किसी से पशु पक्षी या मुर्गे की बली या उनका लहू व शराब मंगाई जाती है, किसी से बच्चों या किसी स्त्री के बाल काटकर या कोई वस्त्र चुराकर लाने का फरमान सुनाया जाता है । कभी कभी कोई तांत्रिक तो किसी बच्चे की हत्या करने जैसे जघन्य अपराध को अंजाम देने से भी नहीं चूकते ।

तांत्रिक किसी भी प्रकार के घिनौने कार्य को अंजाम दे सकता है तथा इंसानियत को शर्मसार करने वाले कार्यों में समस्या का निवारण करवाने वाला चुपचाप इनका साथ देता है । तांत्रिकों के डरावने किस्सों और उनकी भयानक छवि से मन व बुद्धि इतनी प्रभावित हो जाती है की उनको मना करने या उनके विरुद्ध जाने का साहस पीड़ित में नहीं होता । तांत्रिकों के रकम ऐंठने या उनके द्वारा शोषण करने पर भी किसी को बताने का साहस भी पीड़ित में नहीं होती । तांत्रिक द्वारा वश में किए गए किसी भूत द्वारा उनके परिवार तथा उन्हें किसी प्रकार का अनिष्ट करने की आशंका सत्य बोलने से रोकती है । ऐसी कमजोरियों को जानते हुए ही तांत्रिक बने असमाजिक तत्व समाज का शोषण कर रहे हैं । हमारा सभ्य समाज इनकी करतूतों को जानते हुए भी इनके विरुद्ध कोई ठोस कदम नहीं उठाता तथा इनके लिए कानून में भी कोई ख़ास पाबंदी नहीं है सिर्फ आवाज उठाने पर ही कार्यवाही करी जा सकती है । जबकि तांत्रिक अख़बारों में विज्ञापन द्वारा व पोस्टर एवं प्रचार द्वारा अपना व्यापार धडल्ले से चला रहे हैं ।

तांत्रिकों के पास फंसने वालों को यह समझना आवश्यक है कि संसार में भूत प्रेत जैसी कोई चीज नहीं होती यह सिर्फ मन का भ्रम मात्र है तथा तांत्रिक के पास अद्भुत शक्ति का होना या उसे ईश्वर से अधिक शक्तिशाली समझना नादानी है । तांत्रिक कुछ पाने की ललक में तंत्र साधना द्वारा ईश्वर को मनाने की कोशिश करता है तथा विफ़ल होने पर दूसरों को मूर्ख बनाकर लूटता है । यदि तांत्रिक के पास कोई शक्ति होती जिससे वह दूसरों की समस्या का निवारण कर सकता तो वह सबसे पहले अपना जीवन संवारता तथा अपने परिवार को सुखी व सम्मानित जीवन प्रदान करता । ईश्वर का भरोसा छोडकर ऐसे इंसानों द्वारा लुटना इन्सान में आत्म विस्वास की कमी व विवेक का अभाव होता है ऐसे इंसानों को तंत्रिकों से सचेत करना एंव तांत्रिकों के जाल फैलने से रोकना समाजिक कर्तव्य है ।

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जीवन सत्यार्थ

इंसान के जीवन में जन्म से मृत्यु तक के सफर में तृष्णा, कामना तथा बाधाएं उत्पन्न होकर मानसिकता में असंतोष तथा भटकाव की स्थिति उत्पन्न कर देते हैं जिससे जीवन कष्टदायक व असंतुलित निर्वाह होता है। जीवन सत्यार्थ ऐसा प्रयास है जिसके द्वारा सत्य की परख करके कष्टकारी मानसिकता से मुक्ति पाकर जीवन संतुलित बनाया जा सकता है। पढने के साथ समझना भी आवश्यक है क्योंकि पढने में कुछ समय लगता है मगर समझने में सम्पूर्ण जीवन भी कम हो सकता है और समझने से सफलता प्राप्त होती है।

प्रस्तुत कर्ता - पवन कुमार

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